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15 अगस्त

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    आओ झुक कर सलाम करे उन्हें,  जिनकी ज़िन्दगी में ये मुकाम आया है,  किस कदर खुशनसीब है वो लोग, जिनका लहू भारत देश के काम आया है स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनायें।            दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं, सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं..!! जय हिन्द, जय भारत ना मरो सनम बेवफा के लिए दो गज़ जमीन नहीं मिलेगी दफ़न होने के लिए मरना हैं तो मरो वतन के लिए हसीना भी दुप्पट्टा उतार देगी तेरे कफ़न के लिए खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की शान का है हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा नशा ये हिंदुस्तान की शान का है !! चलो फिर से आज वह नज़ारा याद कर ले, शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर ले, जिसमे बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे देशभक्तो के खून की वो धारा याद कर ले। इतनी सी बात हवाओं को बताए रखना रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने ऐसे तिरंगे को दिल में हमेशा बसाए रखना तैरना है तो

ग़म-ए-बारिशे

  ग़म-ए-बारिशे इसीलिए नहीं कि तुम चले गए, बल्कि इसलिए कि हम ख़ुद को भूल गए। कितना कुछ धुल गया आज इस बारिश में, हाँ तुम्हारी यादों के पन्ने भी धुल गए इस बारिश में। दिल में अनजाना सा एहसास, जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है, न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में, जो साथ में यादें भी ले आई है। ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब, इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है, बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग, और अपनों के ही आंसू भूल जाते है। वो बारिश की बूंदों को बाहें फैला कर समेट लेता है, वो जानता है कि हर बूंद उसकी ही तरह तन्हा है। न कोई छत्रछाया है, न कोई मोह माया है, बारिश से ज्यादा तो मुझको तेरी यादों ने भिगाया है। बादल बड़े चुप-चुप से लगते हैं, नाराज़ ख़ुद से लगते हैं, आज पानी कहीँ से भी नहीँ बरसा, यह भी कुछ-कुछ मुझ से लगते हैं। ## apkadostraj धन्यवाद  🙏🙏🙏🙏🙏@@  ERP TV  youtube   @@💛💛💛💛👆👆अगर आपको अच्छा लगा हो तो दुसरो को भी भेजे कमेंट जरूर करें  mail id- biharpurnearaj@gmail.com mail jaurur kare  apne sujhab ke sath

तु जिन्दा हो तो

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गाथा बिहार कि जल्द आ रही है

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कर्मवीर

 देखकर बाधा विविध ,बहु विध्नं घबराते  नहीं ! रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं !! काम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नहीं ! भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं !! हो गये एक आन में उनके बुरे दिन भी भले ! सब जगह सब कल में वे ही मिले फुले-फले!! आज करना हैं जिसे करते हैं आज ही ! सोचते-कहते हैं जो कुछ कर दिखाते हैं वही !! मानते जी की हैं , सुनते हैं सदा सबकी कही ! जो मदद करते हैं अपनी इस जगत में आप ही !! भूलकर वे दूसरे का मुँह कभी तकते नहीं ! कौन ऐसा काम हैं वे कर जिसे सकते नहीं !! जो कभी अपने समय को यों बिताते हैं नहीं ! काम करने की जगह बातें बनाते नहीं !! आज कल करते हुए जो दिन गंवाते हैं नहीं ! यत्न करने में कभी जो चुराते हैं नहीं !! बात हैं वह कौन जो होती नहीं उनके किए! वे नमूना आप बन जाते हैं औरो  के लिए !! चिलचिलाती धुप को जो चांदनी देंवे बना ! काम पड़ने पर करें जो करें शेर का भी सामना !! जो कि हंस हंस के चबा लेते है लोहे का चना ! है कठिन कुछ भी नहीं  जिसने जी में यह है ठना !! कोस कितने ही चलें , पर वे कभी थकते नहीं ! कौन- सी है गांठ जिसको खोल वे सकते नहीं !! काम को आरम्भ करके यों नह